भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 8.22 अरब डॉलर से बढ़कर पहली बार 500 अरब डॉलर के स्तर के पार
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विदेशी मुद्रा भंडार जून को समाप्त सप्ताह में 8.22 अरब डॉलर बढ़कर 501.70 अरब डॉलर पर पहुंच गया है. भारत के विदेशी मुद्रा भंडार की तुलना करें तो चीन और जापान के बाद तीसरे स्थान पर पहुंच गया है. विदेशी मुद्रा भंडार की यह धनराशि एक वर्ष के आयात के खर्च के बराबर है.
विदेशी मुद्रा भंडार में इजाफा की कई वजहें हैं और सबसे बड़ी वजह कच्चे तेल के डिमांड में कमी क्यूंकि भारत में लॉकडाउन की वजह से ईंधन की डिमांड कम हो गई थी और कच्चे तेल की कीमतों में भारी गिरावट ने विदेशी मुद्रा भंडार को बढ़ाने मे मदद की. कच्चे तेल की सस्ती और कम खरीदारी के कारण सरकार को कम डॉलर भुगतान करने पड़े हैं. इसके साथ साथ ही पिछले तीन-चार महीनों में विदेशी कंपनियों का भारतीय बाजार में निवेश बढ़ा है और विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार में एक बार फिर पूंजी का प्रवाह शुरू कर दिया है.
कोरोना के केहर और सीमाओं पर टेंशन के चलते भारत के लिए ये एक अच्छी खबर है, रिजर्व बैंक के ताजा आंकड़े बताते हैं कि पहली बार विदेशी मुद्रा भंडार 500 अरब डॉलर के स्तर के पार हो गया है.