जल्द ही भाजपा का साथ छोड़ सकते हैं TDP चीफ चंद्रबाबू नायडू
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू जल्द ही यह ऐलान कर सकते हैं कि उनकी तेलुगूदेशम पार्टी (TDP) केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) का साथ छोड़ रही है, क्योंकि केंद्र सरकार उनके राज्य को ‘विशेष दर्जा’ दिए जाने की मांग नहीं मान रही है. आम बजट पेश किए जाने के बाद से TDP के सांसदों ने लगातार केंद्र सरकार पर दबाव बनाया है, और नारे लगा-लगाकर संसद का कामकाज बाधित किया है. TDP सांसदों की मांग थी कि आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जे के तहत केंद्रीय सहायता उपलब्ध करवाई जाए, जिसका वादा राज्य में से काटकर नया राज्य तेलंगाना गठित करते हुए किया गया था. इस मुद्दे पर अन्य पार्टियां भी TDP के साथ आ गईं. मंगलवार को न सिर्फ आंध्र प्रदेश की प्रमुख विपक्षी पार्टी वाईएसआर कांग्रेस, बल्कि कांग्रेस तथा तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने भी संसद में विरोध जताया.
दिल्ली के जंतर मंतर पर विशेष दर्जा पाने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे TDP कार्यकर्ताओं के बीच पहुंचकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा, “हम आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देंगे… वर्ष 2019 में सत्ता में आने के बाद हम यह पहला काम करेंगे…” केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली द्वारा पिछले माह आम बजट पेश किए जाने के बाद से TDP नाराज़ है, और उनकी शिकायत है कि आंध्र प्रदेश को नज़रअंदाज़ किया गया है. साथ छोड़ देने की कगार पर पहुंचकर रुक गई TDP ने चेताया है कि केंद्र को आंध्र प्रदेश के लिए संसद का बजट सत्र खत्म होने से पहले कोई बड़ी घोषणा करनी होगी.
चंद्रबाबू नायडू करोड़ों रुपये का केंद्रीय सहायता पैकेज चाहते हैं, जिसका वादा कांग्रेस-नीत UPA सरकार के कार्यकाल में किया गया था. राज्य के राजनैतिक दलों का कहना है कि बंटवारे (आंध्र प्रदेश से तेलंगाना का अलग होना) से आंध्र प्रदेश को राजस्व के क्षेत्र में भारी नुकसान हुआ है. केंद्र सरकार ने वर्ष 2016 में आंध्र प्रदेश के लिए ‘विशेष पैकेज’ की घोषणा की थी, लेकिन TDP का दावा है कि पैकेज के तहत कभी कोई राशि जारी नहीं की गई. चंद्रबाबू नायडू का कहना है कि वह विशेष पैकेज पर इसलिए सहमत हो गए थे, क्योंकि केंद्र सरकार ने वादा किया था आइंदा किसी भी राज्य को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिया जाएगा.
वित्तमंत्री का तर्क था कि राज्य को पहले ही 12,500 करोड़ रुपये की अग्रिम राशि दी जा चुकी है, जबकि कोई भी काम होता नज़र नहीं आया, जैसे नई राजधानी का निर्माण. केंद्र सरकार TDP की मांग के सामने झुकने के लिए तैयार नहीं है, क्योंकि उससे अन्य राज्यों द्वारा भी मिलती-जुलती मांग किए जाना शुरू हो सकता है.