आपातकाल की 45वीं बरसी, लोकतंत्र की रक्षा के लिए लोगों त्याग और बलिदान देश कभी नहीं भूल पाएगा:PM मोदी
पीएम इंदिरा गांधी की अगुवाई में कांग्रेस सरकार द्वारा 25 जून 1975 को लगाई गई इमरजेंसी को आज 45 साल पूरे हो गए हैं. बीजेपी ने आज इमरजेंसी के 45 साल पूरे होने पर कांग्रेस को घेरा.
इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “आज से ठीक 45 वर्ष पहले देश पर आपातकाल थोपा गया था. उस समय भारत के लोकतंत्र की रक्षा के लिए जिन लोगों ने संघर्ष किया, यातनाएं झेलीं, उन सबको मेरा शत-शत नमन! उनका त्याग और बलिदान देश कभी नहीं भूल पाएगा. जब आपातकाल लगाया गया तो उसका विरोध सिर्फ राजनैतिक नहीं रहा. जेल के सलाखों तक आंदोलन सिमट नहीं गया था. जन-जन के मन में आक्रोश था. खोए हुए लोकतंत्र की तड़प थी. भूख का पता नहीं था. सामान्य जीवन में लोकतंत्र का क्या वजूद है, वह तब पता चलता है जब कोई लोकतांत्रिक अधिकारों को छीन लेता है. आपाताकल में देश के सभी लोगों को लगने लगा कि उनका कुछ छीन लिया गया है, जिसका उन्होंने उपयोग नहीं किया, वह छीन गया तो उसका दर्द था. भारत गर्व से कह सकता है कि कानून-नियमों से परे लोकतंत्र हमारे संस्कार है. लोकतंत्र हमारी संस्कृति है, विरासत है. उस विरासत को लेकर हम पले-बढ़े हैं.”
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी ट्वीट किया कि 25 जून 1975 को पीएम इंदिरा गांधी की अगुवाई में कांग्रेस सरकार द्वार इमरजेंसी लगाई गई थी. लोक नायक जय प्रकाश नारायण,भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी, चंद्रशेखर और भारत के लाखों लोगों सहित प्रमुख विपक्षी नेताओं को गिरफ्तार किया गया था. भारत के लोगों ने 1977 के चुनाव में कांग्रेस पार्टी के खिलाफ बड़े पैमाने पर मतदान किया और यहां तक कि इंदिरा गांधी हार भी गईं और पहली गैर-कांग्रेसी सरकार केंद्र में सत्ता में आई. मैं भाग्यशाली था कि बिहार से जेपी आंदोलन के एक कार्यकर्ता के रूप में मैंने आपातकाल के खिलाफ लड़ाई लड़ी. आज का दिन कांग्रेस पार्टी के घोर अलोकतांत्रिक व्यवहार के खिलाफ भारत के लोगों के वीर बलिदानों को याद करने का दिन है. विरासत अभी भी जारी है. नई पीढ़ियों को सही सबक लेने दें.