ग्रामीण क्षेत्र से पहुंची महिलाओं ने जाने मशरुम की खेती के लाभ
द्वाराहाट। दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्र से पहुंची महिलाओं को मशरूम उत्पादन में स्वरोजगार के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाने को एक दिनी प्रशिक्षण शिविर लगा। इसमें महिलाओ को मशरूम उत्पादन, रखरखाव व मानव जीवन के लिए उपयोगिता की जानकारी दी गई ।
मुख्य अतिथि विधायक महेश नेगी ने महिलाओं से मशस्म उत्पादन के जरिए आत्मनिर्भर बनने का आह्वान किया। साथ ही इसके लिए आवश्यक उपकरणों, भवन तथा नकद धनराशि मुहैया कराने का आश्वासन दिया। उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण की इंडो डच मशरूम परियोजना ज्योलीकोट के विशेषज्ञों ने महिलाओं को मशरूम उत्पादन में पारंगत बनाने को तीन दिवसीय शिविर लगाकर ज्योलीकोट से पहुंचे मशरूम वैज्ञानिक जेसी भट्ट ने मशरूम उत्पादन, रखरखाव आदि की जानकारी दी। कहा कि यह उच्च रक्तचाप, मधुमेह, श्वास व सूखा रोग के लिए कारगर औषधि भी है। उन्होंने भूमिहीन परिवारों से भी मशस्म की खेती कर जीविकोपार्जन करने का आह्वान कर विभागीय सहायता की जानकारी दी।
कार्यक्रम के दौरान दस्तक संस्था के पीसी जोशी ने धूप निर्माण तथा गेवाड़ संकल्प समिति अध्यक्ष भावना शर्मा ने महिला समूहों को सिलाई व बैग निर्माण के गुर बताए। शिविर में बमनपुरी, पूजाखेत आदि ग्राम पंचायतों की विभिन्न महिला समूहों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया।