पंजीकरण के बाद गोसदनों को मिलेगी मदद: यूनुस

-हर ब्लाॅक में दो-दो गोसदनों के लिए जमीन चिह्नित करने के निर्देश
-सोसाइटी फाॅर प्रिवेंशन आॅफ क्रूअलिटी अगेंस्ट एनिमल्स को किया जाएगा सुदृढ़
कमलेश वर्मा(परी), कुल्लू,06 जनवरी। उपायुक्त ने कुल्लू जिला में चलाए जा रहे विभिन्न गोसदनों के संचालकों से अपील की है कि वे इन गोसदनों को राज्य गोवंश संवर्द्धन बोर्ड से पंजीकृत करवाएं। पंजीकरण के बाद इन गोसदनों को बोर्ड की ओर से आर्थिक मदद व अन्य सुविधाएं मिल सकती हैं। शनिवार को बचत भवन में गोसदनों के संचालकों, विभिन्न संस्थाओं और संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान उपायुक्त ने बताया कि इस कुल्लू जिला में आठ गोसदन चलाए जा रहे हैं। इनके पंजीकरण की सभी औपचारिकताएं पूरी करवाने के लिए जिला प्रशासन की ओर से हरसंभव मदद की जाएगी। पंजीकरण के बाद गोसदनों को गोवंश संवर्द्धन बोर्ड के माध्यम से आर्थिक मदद मिल सकती है।
उपायुक्त ने बताया कि बेसहारा पशुओं की समस्या के स्थायी समाधान के लिए जिला में व्यापक कदम उठाए जा रहे हैं। जिला के प्रत्येक ब्लाॅक में कम से कम दो-दो गोसदनों के निर्माण के लिए जमीन चिह्नित की जा रही है। सभी एसडीएम को अपने-अपने क्षेत्रों में गोसदनों के लिए जमीन का चयन करने के आदेश दिए गए हैं। पहले से ही चल रहे आठ गोसदनों के लिए जमीन हस्तांतरण प्रक्रिया को तेजी से पूरा किया जाएगा। उपायुक्त ने बताया कि डोभी के गोसदन के लिए अतिशीघ्र धनराशि जारी की जाएगी। बंजार के गांव चनौन और आनी के गांव कुंगश में भी गोसदन के निर्माण के लिए सभी औपचारिकताएं पूरी की जाएंगी। उपायुक्त ने पशुपालन विभाग के अधिकारियों को जिला के सभी पशुओं की माइक्रोचिपिंग की दिशा में तेजी से कार्य करने के निर्देश भी दिए। जिला में सभी बेसहारा पशुओं को तुरंत गोसदनों तक पहुंचाने के लिए एक हैल्पलाइन नंबर 7018064013 आरंभ किया गया है। इस नंबर पर बेसहारा पशुओं की सूचना दी जा सकती है।
यूनुस ने कहा कि जिला में व्यवस्थित ढंग से गोसदनों के संचालन तथा बेसहारा पशुओं की समस्या से निपटने के लिए जिला स्तर पर सोसाइटी फाॅर प्रिवेंशन आॅफ क्रूअलिटी अगेंस्ट एनिमल्स को सुदृढ़ किया जाएगा। उपायुक्त ने पशु पालन विभाग के अधिकारियों को इस सोसाइटी के बैंक खाता नंबर को चालू करने के निर्देश दिए, ताकि गोसदनों के लिए आम लोग भी आर्थिक योगदान दे सकें। यूनुस ने कहा कि इस संबंध में दस दिन के भीतर एक वैबसाइट भी लांच की जाएगी। उन्होंने एनआईसी के अधिकारियों को इस वैबसाइट को तुरंत तैयार करने तथा इसे जिला की आधिकारिक वैबसाइट से लिंक करने के निर्देश दिए। बैठक में अन्य मुददों पर भी विस्तार से चर्चा की गई।
इस मौके पर मनाली के एसडीएम एचआर बेरवा, एएसपी निश्चिंत सिंह नेगी, सहायक आयुक्त डा. अमित गुलेरिया, पशुपालन विभाग के उपनिदेशक डा. आरएल संदल, डा. पाॅल, अन्य अधिकारियों, गोसदन संचालकों और विभिन्न संस्थाओं के पदाधिकारियों ने भी महत्वूपर्ण सुझाव रखे।
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चिप या टैटूधारी पशुओं के मालिकों पर होगी कार्रवाई
उपायुक्त ने बताया कि जिला के कुछ गोसदनों में लाए गए कई पशुओं में पशुपालन विभाग द्वारा लगाए गए टैटू पाए गए हैं। इन टैटू के आधार पर उक्त पशुओं के मालिकों का पता लगाया जाएगा तथा उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।