जय राम ठाकुर के मुख्यमंत्री बनने से देव संस्कृति को मिलेगा बल…अमर सिंह

देवी-देवता गूर पुजारी कल्याण संघ में खुशी का माहौल
-कहा: देव संस्कृति से भली भांति परिचित है जय राम ठाकुर
कमलेश वर्मा(परी), कुल्लू, 26, दिसंबर। जय राम ठाकुर के मुख्यमंत्री बनने से देवी-देवताओं के कारकूनों व हारियानों में भी खुशी का माहौल है। देवी-देवता गूर-पूजारी कल्याण संघ ने जय राम ठाकुर के मुख्यमंत्री बनने पर खुशी जाहिर की है। गूर पुजारी कल्याण संघ के अध्यक्ष अमर सिंह गूर ने कहा है कि जय राम ठाकुर के मुख्यमंत्री बनने से देव संस्कृति व पहाड़ी संस्कृति को बल मिलेगा। उन्होंने कहा कि जय राम ठाकुर पहाड़ी परिवेश के हैं और वे देव संस्कृति में ही पले.बढ़े हैं। उन्होंने कहा कि जय राम ठाकुर देव संस्कृति व देव नियमों को भली.भांति जानते हैं और उन्हें देव संस्कृति का पूरी तरह से ज्ञान है। उन्होंने कहा कि कुल्लू व मंडी सराज में देव संस्कृति के बिना कोई भी शुभ कार्य नहीं होते हैं और जय राम ठाकुर इसी देवभूमि में पैदा हुए हैं इसलिए उम्मीद है कि प्रदेश में देवी.देवताओं का राज्य स्थापित होगा और सरकार के माध्यम से देवी.देवताओं को पूरा सम्मान मिलेगा। उन्होंने कहा कि आज धीरे.धीरे पाश्चातय संस्कृति के बढ़ते प्रचलन से देव संस्कृति को खतरा हो गया है। कई स्थानों पर देव कार्यों को चलाना मुश्किल हो गया है। देव कार्यों को करने वाले कारकून देवचाकरी छोड़ रहे हैं और देव संस्कृति खतरे में पड़ गई है। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने देव कार्यों को चलाने के लिए पहले साढ़े बारह करोड़ व अब पांच करोड़ रूपयों के रिवॉल्विंग फंड का प्रावधान किया है। ताकि देव कार्ज व देवी.देवताओं की पूजा.पाठ निरंतर चलता रहे। इसके अलावा कुल्लू में देव सदन का भी निर्माण किया हुआ है। उन्होंने कहा कि जय राम ठाकुर के मुख्यमंत्री बनने से उम्मीद है कि वे इस रिवॉल्विंग फंड में बढ़ौतरी करेंगे और देव संस्कृति व प्राचीन देव स्थलों को बचाने के लिए अन्य योजनाएं भी बनाएंगे। उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में देवी.देवताओं के रथ हैं और निचले क्षेत्रों में मंदिरों में पूजा होती है। कुल्लू .मंडी व शिमला जिला में देव संस्कृति एक तरह की हैं यहां देव रथों की पूजा होती हैं और देव रथों से देउली व शुभ कार्य होते हैं। इसलिए देव समाज से जुड़े तमाम गूर व पुजारियों को जय राम ठाकुर से काफी उम्मीदें हैं क्योंकि जय राम ठाकुर उनकी समस्याओं व संस्कृति को बखूबी जान व पहचान सकते हैं।

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