पर्यावरण ही नही संतुलित आहार को भी प्राथमिकता देती है : कल्पना

-मिसेस इंडिया नेशनल हेड दीपाली से सीखे गुर
कमलेश वर्मा(परी),कुल्लू,09 जनवरी। एक सोच है जो उन्हें दूसरों से अलग करती है, जो वो सोचती है उसे वो सिर्फ़ सोच तक न रख कर उसे क्रियान्वित करने भी नहीं झिझकती । चाहे व्यर्थ वस्तुओं का पुनः प्रयोग हो, चाहे अंडे की ट्रे से बनाए लाहुली गहने हो या फिर अपनी संस्कृति से जुड़े पहनावे की ही बात क्यों न हो। उन्होंने लाहुल स्पीती के पहनावे “चोलू” को देश ही नहीं विदेशों में भी पहन कर इसका मान बढ़ाया व इसे एक नई पहचान दी। यहां बात हो रही है मिसेज़ एशिया इंटरनेशनल 2017 कल्पना ठाकुर की जो आज किसी भी पहचान की मोहताज नहीं हैं।इस बार फिर जब उनसे दक्षिण भारत की एक प्रसिद्ध मसाला कम्पनी ने अपने उत्पाद दिखाए । जो सिर्फ़ ओर सिर्फ़ बच्चों के लिए पौष्टिक खिचड़ी हो या फिर मधुमेह से लड़ने व इससे पीड़ित लोगों के लिए आहार इस कम्पनी ने बनाए ,इसके शुभारम्भ के लिए मिसज़ इंडिया प्रोडक्शन की राष्ट्रीय प्रमुख दीपाल ने कल्पना ठाकुर की पकवानों के प्रति गहरी रुचि व सामाजिक कार्यों के प्रति उनकी लग्न देख इस के लिए चुना।
कल्पना ठाकुर ने खिचड़ी,जिसे अब राष्ट्रीय भोजन घोषित किया गया है की शुरुआत मनाली अनाथ बच्चों के साथ मिल कर बनाया व बच्चों के साथ मिल कर खिचड़ी का आनंद लिया ओर इसके गुण बच्चों के साथ साँझा किया। साथ ही बच्चों को फ़ास्ट फ़ूड से परहेज़ करने को कहा जो स्वस्थ पर विपरीत प्रभाव डालते है ।मधुमेह से पीड़ित लोगों के लिए बाजरे एवं रागी जो फाइबर का समृद्ध स्रोत भी है और कम कोलेस्ट्रॉल स्तर में मदद करता है ओर वजन नियंत्रण, मधुमेह और शरीर को ठंडा करने के लिए सबसे अच्छा भोजन है, से कल्पना ठाकुर ने दक्षिण भारत की प्रसिद्ध डोसा व हिमाचली चिल्डा व लाहुली लोआड तेय्यार किया जिसे वहाँ उपस्थिति गणमान्य को खिलाया व सभी ने इसके ज़ायक़े का आनंद लिया।कल्पना ठाकुर का मानना है कि यदि हम इसी तरह बाजरे व रागी का प्रयोग अपने नियमित भोजन में करे तो मधुमेह को नियंत्रण में कर सकते है या इससे बचा जा सकता है।