10 दिनों के भीतर लाहुल घाटी में दौड़ेंगी मुद्रिका बसें…रामलाल
-जनजातीय जिले में परिवहन व्यवस्था की जाएगी सुदृढ़
-जैविक खेती और सूक्ष्म सिंचाई सुविधाओं पर जोर देगी सरकार
-कृषि मंत्री ने कृषि अनुसंधान संस्थान का निरीक्षण भी किया
कमलेश वर्मा(परी),कुल्लू,07 जनवरी। जनजातीय ज़िला लाहुल-स्पीति में परिवहन व्यवस्था को सृदृढ़ करने के लिए आने वाले दिनों में घाटी के भीतर मुद्रिका बस सेवाएं आरंभ की जाएगी, ताकि आम नागरिकों को बेहतर यातायात सुविधा मिल सके। यह बात कृषि, जनजातीय विकास और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री डा. रामलाल मार्कण्डा ने कही।वे यहां रविवार को कुल्लू के अखाड़ा बाजार स्थित एचआरटीसी के केलांग बस डिपो की वर्कशाॅप में निगम के अधिकारियों व कर्मचारियों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अखाड़ा बाजार में केलंग डिपो के अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए भवन का निर्माण किया जाएगा। मार्कण्डा ने बताया कि जनजातीय उपयोजना के तहत केलंग डिपो की लगभग 70 बसें विभिन्न रूटों पर चल रही हैं। परिवहन व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए लाहौल घाटी से वोल्वो बसें भी चलाई जाएंगी।
उन्होंने कहा कि केलांग डिपो में सेवारत अधिकारियों व कर्मचारियों की हरसंभव सहायता की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों-कर्मचारियों से कहा कि वे लोगों को बेहतरीन परिवहन सेवाएं प्रदान करने के लिए हमेशा तत्पर रहें। इस मौके पर केलंग डिपो के क्षेत्रीय प्रबंधक मंगल चंद मनेपा ने कृषि मंत्री का स्वागत किया और विभिन्न बस सेवाओं की विस्तृत जानकारी दी। कार्यक्रम में चेतन आजाद, युवराज बौद्ध, उमेश शर्मा, संजीव कुमार, मोहन कपूर और अन्य गणमान्य लोग भी उपस्थित थे। इससे पहले रविवार सुबह डा. रामलाल मार्कण्डा ने कटराईं स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान का भी निरीक्षण किया और संस्थान द्वारा किए जा रहे बीज उत्पादन व अन्य अनुसंधान कार्यों का जायजा लिया। उन्होंने कृषि वैज्ञानिकों को उन्नत किस्म के बीज तैयार करने और किसानों-बागवानों के साथ सीधा संवाद स्थापित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिकों द्वारा किसानों से सीधा संपर्क स्थापित करने से ही कृषि क्षेत्र में उल्लेखनीय सुधार होगा तथा किसान अपनी पैदावार बढ़ाने में सक्षम होंगे। डा. मार्कण्डा ने कहा कि बेहतर बीज उत्पादन के लिए संस्थान को लाहौल घाटी में भी जमीन उपलब्ध करवाई जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार जैविक खेती और आधुनिक सूक्ष्म सिंचाई सुविधाओं पर विशेष जोर देगी। इससे छोटे किसानों को काफी लाभ होगा।