रूस ने वीटो लगाकर सीरिया रासायनिक हमलों की जांच रोकी

संयुक्त राष्ट्र। रूस ने सीरिया में रासायनिक हथियारों से हो रहे हमलों से जुड़े लोगों का पता लगाने के लिए संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व में की जा रही जांच को और आगे बढ़ाने से रोकने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अपने वीटो का इस्तेमाल किया। रूस ने अपने सहयोगी देश सीरिया को निशाना बनाने वाले परिषद के कदमों को रोकने के लिए 10वीं बार अपने वीटो पावर का इस्तेमाल किया है।परिषद के 15 सदस्यों ने सीरिया में जहरीली गैस हमलों के साजिशकर्ताओं का पता लगाने के लिए ‘‘ज्वाइंट इनवेस्टिगेटिव मैकेनिज्म’’ (जेआईएम) को अपना काम जारी रखने की अनुमति देने वाले संयुक्त राष्ट्र मसौदा प्रस्ताव के पक्ष में मत डाले थे। मिस्र और चीन इस दौरान अनुपस्थित रहे और बोलीविया ने भी रूस के साथ इसके खिलाफ मत दिया। परिषद को संबोधित करते हुए अमेरिका की राजदूत निक्की हेली ने वीटो को ‘‘बड़ा झटका’’ करार दिया।जेआईएम पैनल की जांच को एक वर्ष का कार्यविस्तार की अनुमति देने के लिए रूस और अमेरिका ने परस्पर विरोधी मसौदा प्रस्ताव दायर किए थे, लेकिन रूस ने अंतिम क्षण में अपना प्रस्ताव वापस ले लिया था। प्रस्ताव को परिषद में पारित करने के लिए नौ मतों की आवश्यकता थी, लेकिन पांच देश रूस, ब्रिटेन, चीन, फ्रांस और अमेरिका अपने वीटो का इस्तेमाल कर इसे पारित होने से रोक सकते थे।रूस ने जेआईएम की ताजा रिपोर्ट के बाद उसकी कड़ी निंदा की थी। रिपोर्ट में सीरियाई वायु सेना पर विपक्षी कब्जे वाले गांव खान शेखहुन पर सेरिन गैस हमला करने का आरोप लगाया गया था, जिसमें सैकड़ों लोगों मारे गए थे।

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