हिमाचल के कुल्लू में पहली बार ई-रिक्शा व ई-वाहन का सफल ट्रायल

देश के 14 राज्यों में पहले ही चलाए जा रहे हैं ई-रिक्शा व ई-वाहन
-एसपी कुल्लू शालिनी अग्रिहोत्री ने वेदेज गु्रप के कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि शिरकत
-देश के अन्य राज्यों की तरह अब प्रदेश में शीघ्र ही चलेंगे पर्यावरण फ्रेंडली ई-वाहन

कमलेश वर्मा(परी), कुल्लू, 28 दिसंबर। हिमाचल प्रदेश को प्रदूषण से बचाने के लिए जहां हिमाचल पथ परिवहन निगम ने प्रदेश में इलेक्ट्रिक बसों की शुरूआत की है वहीं, अब वेदेज गु्रप ने भी क्लीन हिमालय ग्रीन हिमालय के तहत एक पहल की है जिसके चलते पहली बार हिमाचल प्रदेश के इतिहास में ई-रिक्शा व ई-वाहन का सफल ट्रायल किया है। यह ट्रायल गुरूवार को कुल्लू जिला मुख्यालय के समीप देवधाम में करवाया गया। इस मौके पर एसपी कुल्लू शालिनी अग्रिहोत्री ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। वहीं, आरएम कुल्लू एवं लाहुल-स्पीति मंगल चंद मनेपा, डीपीआरओ कुल्लू शेर सिंह शर्मा, एपीआरओ कुल्लू अनिल गुलेरिया व नॉर्थ इंडिया पत्रकार ऐसोसिऐशन के प्रधान धनेश गौतम विशेष अतिथि के रूप में मौजूद रहे। इस अवसर पर वेदेज गु्रप के फाउंडर राम शर्मा ने ई.रिक्शा व ई.वाहनों की जानकारी दी। इस अवसर पर वेदेज गु्रप के कंट्री हैड नवनीश चोपड़ा भी विशेष रूप से उपस्थित रहे। इस अवसर पर मुख्यातिथि शालिनी अग्रिहोत्री ने इस पहल की प्रशंसा करते हुए कहा कि भविष्य में पर्यावरण फ्रेंडली वाहनों का ही प्रचलन होगा। उन्होंने कहा कि पथ परिवहन निगम ने पहले ही इस तरह के बड़े वाहनों की शुरूआत की है वहीं, अब वेदेज गु्रप ने जिस तरह से छोटे वाहनों ई-रिक्शा, ई-स्कूटी, ई-लोडर, ई-कार का प्रचलन शुरू किया है वह काबिले तारीफ है। उन्होंने कहा कि भविष्य में इस तरह के ही वाहनों का प्रचलन होगा क्योंकि हिमालय को ही नहीं बल्कि पूरे विश्व को पर्यावरण के दुष्प्रभावों से बचाना है। इस अवसर पर वेदेज गु्रप के फाउंडर राम शर्मा ने बताया कि अभी तक ई-रिक्शा व ई-वाहन देश के 14 राज्यों में चल चुके हैं और उम्मीद है कि भारत सरकार की योजना के तहत 2030 तक पूरे देश में ई.रिक्शा का ही प्रचलन होगा। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिला में इस तरह के ई.वाहनों का पहली बार ट्रायल किया है और उम्मीद है कि प्रदेश सरकार शीघ्र इस तरह के वाहनों के चलने की प्रदेश में अनुमति देगी। उन्होंने कहा कि इस तरह के वाहनों के चलने से जहां क्लीन हिमालयए ग्रीन हिमालय का सपना पूरा होगा वहींए देश को पर्यावरण के दुष्प्रभावों से पूरी तरह से मुक्त करवाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस तरह के वाहन जहां पर्यावरण को बचाएंगे वहीं, कम खर्चे में अधिक कमाई की जा सकती है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में मात्र 12 रूपए के इलेक्ट्रिक चार्ज खर्चे से इस तरह के वाहन 100 किलोमीटर तक चल पाएंगे। गौर रहे कि देवभूमि कुल्लू के एक दुर्गम गांव के युवा राम शर्मा जहां वेदेज ग्रुप के फाउंडर हैं वहीं, उन्होंने आयुर्वेदा व आर्गेनिक खेती के विषय में बैंकॉक में थाईलैंड के प्रधानमंत्री से अंतरराष्ट्रीय युवा व्यवसायी पुरस्कार हासिल किया है और अब इस युवा ने देश को इलैक्ट्रिक वाहन देकर प्रदेश व जिला का नाम रोशन किया है। राम शर्मा के अनुसार उन्होंने पर्यावरण को बचाने के लिए इलैक्ट्रिक वाहनों के प्रचलन को शुरू किया है। इसी कड़ी में राम ने दिल्ली में ई-रिक्शा वाहनों को लान्ॅच करके शुरूआत की है और अब हिमाचल के जिला कुल्लू में इन वाहनों की शुरूआत की, ताकि देश को बढ़ते पर्यावरण प्रदुषण के दुष्परिणामों के खतरे से बचाया जा सके। उन्होंने बताया कि डायरेक्ट सेलिंग इंडस्ट्री विश्व में बहुत तेजी से लोगों को रोजगार मुहैया करवा रही है। भारत सरकार द्वारा सितंबर 2016 में इसकी गाइड लाइंज जारी कर दी गई है, जिसे राज्य सरकारे धीरे-धीरे अपने अपने राज्यों में लागू करने में जुट गई हैं। इस कड़ी में कुल्लू के निवासी राम शर्मा ने 2014 में वेदेज गु्रप संस्था की स्थापना की और चंडीगढ़ से पूरे देश में आयुर्वेद, ओर्गानिक खेती को बढ़ावा देने के साथ अब आने वाले वक्त में पर्यावरण को बचाने के लिए इलैक्ट्रिक वाहन को लाकर एक नई पहल की है। राम शर्मा ने दिल्ली और बड़ौदरा में ई-वाहनों के प्लांट शुरू कर दिए हैं ताकि देश के हर राज्यों के हर कस्बों में इन वाहनों को प्रचलित कर हिमालय के पर्यावरण को प्रदुषण मुक्त करवाया जा सके। सनद रहे कि इस देवभूमि कुल्लू की माटी के गबरू ने देश का नाम दुनियाभर में रोशन किया है। राम शर्मा ने बताया कि जब उन्हें अंतरराष्ट्रीय युवा आंट्रेप्रेनुर चुना गया तो उन्हें बेहद खुशी हुई। राम शर्मा आयुर्वेद के द्वारा पूरे भारत में बिमारियों से बचने के उपाय व दवाईयों के बारे में जागरूक करते रहे और अब देश को इलैक्ट्रिक वाहनों की सौगात देने में अग्रसर हंै। राम शर्मा के अनुसार उन्हें पूरी उम्मीद है कि पहाड़ी राज्य में ई-वाहन कामयाब होंगे और भविष्य में ई-वाहनों के प्रचलन से यहां के पर्यावरण को बचाया जा सकेगा।
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क्या विशेष है इस ई-रिक्शा व ई-वाहन की
इस ई-रिक्शा व ई-वाहन की विशेषता यह है कि इसकी बैटरी को एक बार चार्ज करने के बाद मात्र 18 रूपए में यह करीब 100 किलोमीटर तक की दूरी तय कर सकेगा और इस ई-रिक्शा को चलाने वाला एक दिन में 350 से 400 रूपए तक कमा सकता है। इसके अलावा इस ई-रिक्शा में 1000 वॉट की मोटर लगाई गई है और चार बैटरी है। वहीं, जहां मार्केट में एक गेयर वाला रिक्शा होता है वहीं, इस ई-रिक्शा में २ गेयर हैं। दिल्ली व वडोदरा में बनाए जाने वाला यह वाहन न ही तो किसी मशीन की सहायता से बनाया जाता है और न ही हाथों से बल्कि इसे रोबोट की सहायता से तैयार किया जाता है।
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देश के 14 राज्यों में चल रहे हैं ई-रिक्शा व ई-वाहन
प्रदूषण को कम करने के लिए वेदेज ग्रूप द्वारा देश के 14 राज्यों में यह ई-रिक्शा व ई-वाहन चलाए जा रहे हैं। देश की राजधानी दिल्ली में करीब चार सालों से इस ई-रिक्शा का प्रयोग लोगों द्वारा किया जा रहा है, जबकि हिमाचल में पहली बार इसका ट्रायल कुल्लू में किया गया जो पूरी तरह से सफल रहा है।

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